राजस्थान में वन्यजीवों को बचाने की कोशिश खाप को ऐसी नागवार गुजरी की खाप पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया। पंचायत ने 3 परिवार के 16 लोगों बहिष्कृत करने का आदेश जारी किया है। 5 जून से परिवार के सदस्य घरों में कैद हैं। खास बात यह है कि दुकान से न इनको राशन मिल रहा है, न ही डेयरी से दूध। साथ ही, धमकी मिल रही है कि कुछ करोगे तो गलत ही होगा। मामला जोधपुर के बिलाड़ा उपखंड स्थित बाला ग्राम पंचायत का है। जहां सुरेश विश्नोई जाति से हैं। विश्नोई जाति हिरणों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर काफी सजग होते हैं। इनके गांव में फसलों को वन्यजीवों से बचाने के लिए खेतों में तारबंदी की गई है। इसी तारबंदी में फंसकर हिरण घायल हो जाते हैं। इसकी शिकायत सुरेश ने वन विभाग में की। इसके बाद से ही उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
खाप का प्रभाव
खाप के फैसले के बाद से ही इन लोगों का राशन पानी बंद हो गया है। इन्हें घरों में कैद रहने के आदेश है। खाप पंचायत का प्रभाव ऐसा कि इनके खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता है।5 जून को पर्यावरण दिवस के दिन खाप पंचायत की बैठक हुई थी। बैठक में सरंपच नाथूराम ओलक सहित करीब 50 लोग जुटे और पप्पाराम, छोटू सिंह, सुरेश के परिवार को बहिष्कृत करने का फरमान जारी किया। साथ ही गांव में यह कहा गया कि किसी ने इस आदेश के विरोध में जाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
परिवार मुश्किल में
खाप के फैसले के बाद से ही ये लोग घरों में कैद है। न इन्हें राशन मिलता है। नाही ये लोग किसी से बात कर सकते हैं। खाप ने लोगों को धमकी दी है कि अगर किसी ने इन लोगों की मदद की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।